राजीव गांधी हत्याकांड की नलिनी श्रीहरन जेल से बाहर आ गई हैं | उसे मद्रास हाईकोर्ट से 30 दिन की पैरोल मिली है | नलिनी ने अपनी बेटी की शादी की तैयारी के लिए मद्रास हाईकोर्ट से 6 महीने की पैरोल की मांग की थी | 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदुर में मानव बम धनु ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी. इस धमाके में कुल 18 लोगों की जान गई थी |
बता दें कि नलिनी की बेटी लंदन में रहती है. 5 जुलाई को मद्रास हाईकोर्ट ने उसे 30 दिन की पैरोल दी थी. नलिनी ने चेन्नई के एक कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की थी. वह चेन्नई में ही एक प्राइवेट कंपनी में स्टेनोग्राफर की नौकरी करती थी. इसके साथ ही वह डिस्टेंस एजुकेशन के जरिये मास्टर्स का कोर्स भी कर रही थी |
सुनवाई के दौरान उसने यह माना था कि वह लिट्टे के एक एक्टिविस्ट के संपर्क में आई और इसी दौरान उसका लिट्टे की गतिविधियों से परिचय हुआ. बाद में वह इस संगठन की एक्टिव कैडर बन गई. उसका भाई पीएस भाग्यनाथन भी एक्टिव लिट्टे समर्थक था और उसकी प्रेस में तमिल ईलम समर्थित साहित्य छपा करता था |
गिरफ्तारी के कुछ महीनों बाद ही नलिनी ने एक बेटी को जन्म दिया. जस्टिस थॉमस ने नलिनी की फांसी को माफ किए जाने के कई कारणों में से एक कारण उसकी छोटी बेटी को भी बताया था. उनके अनुसार यदि मुरुगन और नलिनी दोनों को फांसी हो जाती तो यह बच्ची अनाथ हो जाती. इसके कुछ ही दिनों बाद सोनिया गांधी व्यक्तिगत तौर पर जाकर राष्ट्रपति से मिलीं और उन्होंने नलिनी को माफ कर देने की अपील की. जिसके बाद वर्ष 2000 में राष्ट्रपति ने नलिनी की दया याचिका को मंजूरी देते हुए उसे माफ कर दिया |